नमस्कार दोस्तों, आपका स्टडीदेव में स्वागत है, आज हम आपको इस आर्टिकल में हिंदुओ का प्रसिद्ध त्यौहार Dussehra Essay in Hindi के बारे में जानकारी देने वाले है। आपको पता होगा यह भारत में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है।
भारत में जब भी सर्दी का आगमन होता है तभी से लोगों में मन में Dussehra और दिवाली दो सबसे लोकप्रिय फेस्टिवल को मनाने की इच्छा जाहर होती है। वह अपने आस आपस इसको महसूस करते है। इस समय मौसम पूरी तरह से बदल जाता है।
तो दोस्तों, अगर आप भी Dussehra Essay in Hindi की पूरी जानकारी लेना चाहते हो कि यह क्यों मनाया जाता है? इसका इतिहास क्या है? और यह किस समय मनाया जाता है। यह सारा ज्ञान आपको इसी आर्टिकल के जरिये मिलने वाला है। आप पोस्ट के साथ आखिर तक बने रहे।
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Dussehra Essay in Hindi – दशहरा क्या है?
अगर बात दशहरा की तो यह हिंदू धर्म के लोगों का सबसे पुराना त्यौहार है, इसे वह बड़ी ही श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाते है। दशहरा पर्व हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष के दशमी वाले दिन मनाया जाता है। इसलिए कई लोग इस दिन को विजयदशमी या फिर दशहरा के नाम से जानते है। यह एक बहुत ही पुराना और इतिहासिक पर्व है, जिसकी शिक्षा को हर बच्चे को जानने की आवश्यकता है।
दशहरा को हार पर जीत, पाप पर पुण्य की जीत को समर्पित त्यौहार माना जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम जी ने रावण को मारा था। इसी दिन लोग माता दुर्गा की पूजा भी करते है। क्योंकि रावण को मारने से पहले भगवान राम जी ने देवी चंडी की पूजा की थी। इस दिन के साथ बहुत सारे रीती – रिवाज़ जुड़े हुए है, लोग माता दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए पूरे नौ दिन तक व्रत रखते है और दशमी के दिन दशहरा को मनाते है।
दशहरा को दिवाली से 20 दिन पहले मनाया जाता है, Dussehra Essay in Hindi के अनुसार यह हर सितम्बर और अक्टूबर महीने के बीच के समय में मनाया जाता है। इस वक़्त मौसम पूरी तरह से बदला हुआ होता है, सर्दी का आगमन हो जाता है। इस समय न तो अधिक गर्मी और न ही सर्दी होती है। लोग इसे बहुत उमंग के मनाते है।

Dussehra Essay in Hindi – दशहरा का इतिहास क्या है?
अगर बात दशहरा के इतिहास की तो यह बहुत ही पुराना और शिक्षा से भरपूर है। क्योंकि इस दिन को लोग पाप पर पुण्य, राक्षस पर भगवान की विजय को मानते है। इसका इतिहास बहुत ही बड़ा है। कहते है रावण ने भगवान राम को मारने के लिए कई यतन किये लेकिन वह असफल रहा।
फिर रावण ने अपनी बहन शूर्पणखा को भगवान राम को मारने के लिए भेजा। लेकिन लक्ष्मण जी ने शूर्पणखा का नाक और कान को काट दिया और उसकी बेइज्जती करके उसे लंका भेज दिया। इसी अपमान का बदला लेने के लिए रावण ने माता सीता को हरण लिया। तभी से भगवान राम के द्वारा रावण को मारने की ख़ुशी में दशहरा को मनाया जाता है।
दशहरा शब्द का क्या अर्थ है?
दशहरा शब्द का अर्थ होता है – दस बुराइओं से पीछा छुड़ाना। दशहरा शब्द को संस्कृत के शब्द “दश-हर” से लिया गया है। इस दिन का अर्थ होता बुराई पर अच्छाई की जीत, इंसान की राक्षस पर विजय से सम्बंधित माना जाता है। इस दिन को श्री रामचंद्र जी रावण को मारकर पत्नी माता सीता जो कि रावण के पास बंधी बनी हुई थी। उसे छुड़ावकर लाये थे, उसी दिन से दशहरा को मनाया जाता है।

दशहरा का मेला और रामलीला का मंचन
दशहरा का मेला को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसका आयोजन हर बड़े और छोटे शहर में किया जाता है। दशहरा से लगभग दस दिन पहले रामलीला की तैयारी होने लगती है। हर गांव और शहर में रामलीला को दिखाया जाता है। इसके लिए एक बड़े मैदान का प्रबंध किया जाता है। जिसमे तीन बड़े पुतले जिसमे रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले को जलाया जाता है।
भारत में दिल्ली गेट के नजदीक रामलीला को मनाया जाता है। इसको देखने के लिए देश के प्रधानमंत्री और उनके मंत्रीगण भी उनके साथ आते है। इस समय लाखों लोगो की भीड़ होती है और खुले मैदान में रावण, मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतलों को लगा दिया जाता है। बहुत सारे लोग तो इन पुतलों को ही देखने आते है। इस दिन आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाता है। आगरे जैसे बड़े शहर में आतिशबाजी का मुक़ाबला करवाया जाता है।
यह सब कुछ करने के बाद भगवान राम जी रावण को मारते है। तीनो पुतलों में बारी बारी आग लगायी जाती है। सबसे पहले कुंभकर्ण, इसके बाद मेघनाथ और सबके बाद रावण के पुतले को जलाया जाता है। इन सभी पुतलों में से रावण का पुतला सबसे बड़ा होता हो,इसके दस सिर होते है और जिसके दोनों हाथों तलवार ढाल पकड़ी होती है। रावण के पुतले को आग लगने के बाद लोग अपने अपने घरों की ओर चलते है।
दशहरा पर निबंध 200 शब्द
दशहरा का त्यौहार बहुत ही बड़ा माना गया है। क्योकि इसका इतिहास बहुत ही लंबा है। हिंदू धर्म में दशहरा को दस दिन तक मनाते है, क्योंकि नौ दिन तक माता दुर्गा देवी की पूजा करते है और दसवें दिन रावण का पुतला जलाकर इस पर्व को मनाते है। इसलिए इसका नाम दशहरा पड़ा है। यह देसी महीने (अस्सू ) यानिकि सितम्बर या फिर अक्टूबर महीने में मनाया जाता है। दशहरा को दिवाली से दो या तीन हफ्ते पहले मनाया जाता है, क्योंकि इसके 20 दिन बाद दिवाली का पर्व होता है।
दशहरा एक बहुत ही पुराना पर्व होने के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। यह हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार है और इसकी महत्तता को समझते हुए भारत सरकार इसके लिए एक दिन का अवकास रखते है ताकि सभी लोग इसको पूरे उत्शाह और बिना किसी चिंता के मना सके। दशहरा को इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान राम जी ने लंकेश रावण का वध किया था और लोगों को उनके आत्ताचारों से मुक्त करवाया था।
देश में जगह जगह पर रामलीला का प्रोग्राम आयोजित किया जाता है। लाखों लोग इस रामलीला को देखने जाते है और ख़ुशी ख़ुशी इस दिन को मनाते है। यहीं नहीं दशहरा के बाद लोगों में अगले त्यौहार दिवाली को मनाने की इच्छा जगती है। जिसके चलते लोग और भी अधिक ख़ुशी मह्सूस करते है।

दशहरा पर निबंध हिंदी में 10 लाइन

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Conclusion:
तो दोस्तों हम अपनी पोस्ट को समाप्त करते हैं, आज हमने आपको इस पोस्ट में दशहरा निबंध के बारे में हिंदी में जानकारी दी है। हमने आपको चेन्नई में दशहरा निबंध से जुड़ी सारी जानकारी हिंदी में देने की कोशिश की है। इस पोस्ट में ताकि आपको किसी भी जानकारी के लिए किसी अन्य वेबसाइट का सहारा ना लेना पड़े।
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