Noise Pollution Essay – Causes, Effects, Types, Control Of Noise Pollution

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हेलो दोस्तों, आपका StudyDev में स्वागत है। आज हम आपको Noise Pollution Essay के बारे में बताने वाले है। हम आपको इस आर्टिकल में सोर प्रदूषण के कारण , इसके प्रभाव, टाइप्स ऑफ़ नॉइज़ पोल्लुशण और इसके कंट्रोल के इलावा बहुत सारी ऐसी जानकारी को शेयर करने वाले है। तो आप इस Noise Pollution Essay In Hindi को आखिर तक जरूर पढ़े।

यह पोस्ट आपके स्कूल और कॉलेज के लिए काम आ सकती है। हम पोल्लुशण से संभंधित बहुत सारे आर्टिकल लिखे है। जिनमें Soil प्रदूषण, जल प्रदूषण और वायु प्रदूषण के ऊपर निबंध लिखे हुए है। आप इन सभी लेख को भी पढ़ सकते हो।

What Is Noise Pollution-नॉइज़ प्रदूषण क्या है?

नॉइज़ पोल्लुशण एक ऐसा प्रदूषण होता है जो के हम को बहुत ही प्रभावित करती है। ध्वनि प्रदूषण एक मन को न अच्छी लगने वाली अनचाही आवाज होती है। यह आवाज हमें कहीं से भी सुनने को मिल सकती है। अगर हम घर पर है और हमारे आस पास कोई विवाह हो या कोई और कार्यकर्म हो, तो ऐसे में हमें सोर प्रदूषण आसानी से परेशान कर सकता है।

आपको बतादें के मनुष्य के सुनने की समता 20 हर्ट्ज से लेकर 20000 हर्ट्ज जोति है। अगर इससे जयादा की आवाज मनुष्य सुनता है, तो इसे हम नॉइज़ या ध्वनि प्रदूषण कहते है। यह हमारे जीवन को बहुत ही परेशान करती है। क्योंकि इससे हम गुस्सा और तनाव महसूस करने लगते है। यह एक ऐसा प्रदूषण है, जिसका प्रभाव हमें उसी वक़्त पता चलता है। जब हम हमें महसूस कर रहे हो।

Noise Pollution Essay: Image-Google

Noise Pollution Causes & Source (Noise Pollution Essay)

शोर प्रदूषण के दो मुख्य कारण :

  1. मनुष्य द्वारा शोर प्रदूषण
  2. कुदरत द्वारा शोर प्रदूषण

मनुष्य द्वारा शोर प्रदूषण :-

  • कारखाने – यह कारण ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्रोत हो सकता है, क्योंकि उद्योगों में लगी हुई मशीनो से बहुत ज्यादा शोर पैदा होता है। यह मशीने वहाँ पर काम कर रहे मजदूरों पर बहुत ज्यादा प्रभाव डालती है। इससे उनको बहुत सारी सेहत कि बीमारियाँ हो सकती है।
  • आवाजाई के साधन – यह भी प्रदूषण का एक उबरता हुआ कारक है। आपने  प्रदूषण को जरूर नोटिस किया होगा। क्योंकि हर कोई आदमी इस से जागरूक है। हम हर रोज़ मोटर साइकिल, कार और कई तरह के ऐसे साधनों को देखते है। जिनके बहुत बड़े हारन होते है और जब वह इन सभी वाहनों को स्टार्ट करते है इससे भी ध्वनि प्रदूषण होता है। जब भी कोई रेल गाड़ी और हवाई जहाज उड़ता है तो इससे भी बहुत सारी अनचाही आवाजें निकलती है। जो कि शोर प्रदूषण फ़ैलाने में अपना योगदान देती है।
  • घर पर शोर प्रदूषण – हम घर पर बहुत मात्रा में आवाज को पैदा करते है। जैसे कि हम घर पर गर्मियों के दिनों में कूलर , पंखे का इस्तेमाल करते है। जो कि बहुत ही जयादा आवाज पैदा करते है। इससे शोर प्रदूषण होता है। हम जब भी घर पर कोई लकड़ी का काम करवाते है। तभी जो मशीन इसको काटती है वह भी शोर पैदा करने में आती है।
  • पटाके और विवाह – हम जब भी दिवाली या किसी विवाह के समय पटाखे चलाते है इससे एक तो शोर प्रदूषण और दूसरा वायु प्रदूषण भी होता है। ऐसे में हमें कम मात्रा में व्यवह के मौके पर डी.जे. का उपयोग करना चाहिए। इससे बहुत सारे छोटे-छोटे जानवरों और पक्षियों पर बहुत ही बुरा असर पड़ता है।

कुदरत द्वारा शोर प्रदूषण:-

  • आसमानी बिजली – आसमानी बिजली का शोर एक कुदरती साधन है,इसे हम काबू नहीं कर सकते। आपको बतादें के आसमानी बिजली बहुत ही जयादा मात्रा में शोर पैदा करती है। क्योंकि यह तभी पैदा होती है। जब आसमान के बादल आपस में टकराते है। जिससे बहुत ही शोर पैदा होता है।
  • हवा का शोर – हवा का शोर भी एक बहुत बड़ा कारण है शोर पैदा करने में, क्योंकि जब भी तेज़ हवा चलती है तो इससे जो सां-सां की आवाज़ आती है। उससे भी शोर प्रदूषण पैदा होता है। इससे चाहे कम मात्रा में शोर का उचारण हो लेकिन यह भी एक कुदरती कारण है।
  • बहता पानी का शोर – यह भी एक कारण है शोर प्रदूषण पैदा होने का। क्योंकि जब भी हम किसी बड़े पानी के स्रोत जैसे समुंदर, नदी या किसी और जगह जाते है। यहाँ पर पानी का स्रोत हो तो आपने जरूर ही इसके बहने की आवाज़ को सुना होगा।

Types Of Noise Pollution-शोर प्रदूषण की किस्में 

आपको बतादें की ध्वनि प्रदूषण की लगभग तीन किस्में होती है। जो हम आगे देखने वाले है।

  1. Physical (शारीरक)
  2. Semantic (सिमेंटिक)
  3. Psychology (साइकोलॉजी)

यह भी पढ़े – वायु प्रदूषण क्या है और इसके प्रभाव क्या है ?

Noise Pollution Effects-शोर प्रदूषण के प्रभाव 

शोर प्रदूषण से हमें दोनों तरह के प्रभाव होते है। जैसे शारीरक और मानसिक प्रभाव पड़ते है, जो कि सारे ही जीव प्राणियों के लिए  हानिकारक सिद्ध हो सकता है। इसके कुछ प्रभाव यह है…

शारीरक प्रभाव – शोर प्रदूषण से हमारे शरीर को बहुत ही प्रभाव पड़ते है, जैसे कि बोलापन, कान का वगना, उलटी और चक्कर आना। यह सभी कुछ शारीरक प्रभाव होते है। जो हमें बहुत ही परेशान करते है। इससे हमें थकावट और मिरगी का दौरा होना यह लक्षण सामने आता है।

मानसिक प्रभाव – इसमें आपको एक ऐसा वातावरण प्रदान किया जाता है। जिसमे आप कभी भी स्वास्थ्य जीवन की मांग नहीं कर सकते। इससे आपका सवभाव चिरचिरा हो जाता है। आपका मन काम में नहीं लगता है। यह सभी साइकोलॉजी प्रभाव होते है,जो कि हमें शोर प्रदूषण से होते है।

Effects of Noise Pollution: Image – Google

10 शोर प्रदूषण के प्रभाव : 

  1. ज्यादा शोर के कारण बोलापन महसूस करना, जैसे कि जब कोई तेज आवाज हमारे कान को सुनाई देती है तो थोड़े समय के लिए हमें सुनना बंद हो जाता है।
  2. इससे हमें पूर्ण रूप से थकावट हो जाती है, आपने देखा होगा कि जो लोग ज्यादा शोर वाली जगह काम करते है। वह दूसरों लोगों से ज्यादा थका हुआ महसूस करते है। क्योंकि सारा दिन उनके कान और सिर में जो आवाज़ जाती है। उससे उनको शारीरक और मानसिक थकावट होती है।
  3. इससे हमारे कान के परदे में सुराख़ पैदा हो सकता है।
  4. जब हम अधिक शोर सराबे वाली जगह पर काम करते है, तभी हमारी बोल बानी में बहुत ही प्रभाव पड़ता है।
  5. इससे हमारे सवभाव में बदलाव सा आ जाता है, हम एक दूसरे पर जल्दी गुस्सा होने लगते है। अर्थात हमारे सवभाव में  खिझुपन आ जाता है।
  6. इससे छोटे -छोटे जीव जंतु पर प्रभाव पड़ता है। वह जयादा आवाज़ के कारण अंडे में मर जाते है। जिससे बहुत सारी ऐसी नसले जन्म लेने से पहले ही मर जाती है।
  7. शोर प्रदूषण  कारण  हमारे दिमाग की सोचने और समझने की सक्ति कम हो जाती है।
  8. सिर दर्द एक बहुत बड़ी परेशानी है और यह हर उस आदमी को होती है। जो अधिक ध्वनि वातावरण में काम करता है। उसे ऐसी जगह किसी लिए जायदा ऊंची आवाज़ में बात करनी पड़ती है। इससे उनका गला भी ख़राब होने का खतरा रहता है।
  9. इससे हमारे शरीर में खून का दबाव बाद जाता है और हमें ब्लड प्रेशर जैसे रोग का सामना करना पड़ता है।
  10. शोर प्रदूषण के कारण हमें चककर आने की सम्भावना भी होती है।

यह भी पढ़े भूमि प्रदूषण पर निबंध हिंदी भाषा में

Noise Pollution Control-ध्वनि प्रदूषण को कैसे कम करें?

हम ध्वनि प्रदूषण को कई तरीकों को अपनाकर इसे कम या फिर कंट्रोल कर सकते है। इसे हम नीचे बताए गए कुछ पॉइंट्स की वजह से काबू कर सकते है।

Control of Noise Pollution: Image-Google
  1. हमें कभी भी बड़े हारन का उपयोग नहीं करना चाहिए। हमें जो वाहन पर कंपनी के द्वारा हारन दिए जाते है। हमें उनको हटाकर अपने द्वारा कोई भी बड़ा हारन नहीं लगाना चाहिए।
  2. हमें घर पर या किसी दफ्तर में किसी टेबल या मेज़ को खींचने जी जगह उसे उठाना चाहिए। ताकि शोर को कम किया जा सका। यह किसी वस्तु को खींचने पर जो आवाज़ पैदा होती है, वह हमें पसंद भी नहीं आती है।
  3. अपने आस पास बहुत सारे वृक्ष को लगाना चाहिए। क्योंकि यह ध्वनि प्रदूषण को कम करने में बहुत ही असरदार होते है। इस लिए ही सडकों के किनारे ज्यादा से ज्यादा वृक्ष को लगाया जाता है। ताकि वाहनों  वाले प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
  4. दिवाली या विवाह के समय अधिक मात्रा में पटाखों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आपको पटाखों का इस्तेमाल करना भी हो तो यह पर्यावरण के अनुकूल होने चाहिए।
  5. विवाह के समय अधिक आवाज़ वाले डी.जे. को भी इस्तेमाल करने से हमें रुकना चाहिए। ज्यादा देर तक की जाने वाले पार्टी को रोकना चाहिए।
  6. आपको जयादा आवाज वाले मोबाइल फ़ोन को उपयोग में लाने से बचना चाहिए।
  7. यह जो रेल गाड़ी और हवाई जहाज होते है। यह दोनों बहुत करते है। इनको आस पास की जगह से बहुत दूर होना चाहिए। ताकि आम आदमी पर इसका प्रभाव कम पड़े।
  8. हमारे देश में बहुत मात्रा में रैलियों का आयोजन किया जाता है। इन रैलियों में बहुत ही लाऊड स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है।  इसलिए किया जाता है, क्योंकि कम आवाज़ इतनी आबादी को सुनती नहीं है। हमें इनको कम करना होगा।
  9. जिन कारखानों या उद्योगों में अधिक शोर पैदा करने वाली मशीनो का इस्तेमाल जाता है। उन पर पाबंदी या फिर उनकी जगह कोई ऐसी मशीन जो अधिक शोर न करें। उसे इस्तेमाल लाना चाहिए।
  10. स्कूल, कॉलेज और हस्पतालों के नजदीक के कुछ जगह को एक बिना शोर का क्षेत्र घोषित करना चाहिए। इससे लोग ध्वनि प्रदूषण से बचने के लिए इन जगहों का सहारा लेते है।

यह भी पढ़े – जल प्रदूषण पर निबंध हिंदी भाषा में 

तो दोस्तों, हम अपने इस आर्टिकल को यही पर ख़तम करते है। आज हमने आपको noise pollution essay में noise pollution causes, Effects और इसे कैसे कंट्रोल करे। इन सभी सवालों के सवालों के जवाब हमने आपको इस पोस्ट में बताए है। अगर आपको यह पोस्ट noise pollution essay for students के लिए पसंद आता है। तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करे।

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