Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi – परिश्रम का महत्व निबंध

Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi
Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi

हेलो दोस्तों, आपका स्टडीदेव में स्वागत है। आज हम आपको इस आर्टिकल में Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi में बताने वाले है। आपको पता होगा कि जीवन में परिश्रम का महत्व कितना ज्यादा है। लेकिन कई लोग इसको नहीं मानते है। यह सिद्ध भी हो चूका है की परिश्रम के बिना कोई भी काम संभव नहीं है, लोग कोई भी काम को आरंभ करने के लिए थोड़ा परिश्रम करने के बाद अपनी किस्मत को आजमाते है और परिश्रम का महत्व भूल जाते है।

तो ऐसे में आपको इस पोस्ट के जरिये हम परिश्रम का महत्व निबंध हिंदी में शेयर करने वाले है, ताकि आपको मेहनत का मूलय सदा याद रहे और आप इसे अपने स्कूल और कॉलेज में परिश्रम का महत्व निबंध हिंदी में [100, 150, 300] जितना भी जरूरत है। आप यहाँ से निबंध को पढ़कर एग्जाम दे सकते हो।

Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi

जीवन में हार्ड वर्क का बहुत भी अधिक महत्व है, यह आपको जीवन में कोई भी बड़ी से बड़ी और असंभव से संभव तक जाने के लिए मदद करेगी। क्योंकि अपने भी अपने निजी जीवन में कुछ ऐसे लोगो के बारे में अपनी क्लास या फिर कही और पड़ा होगा कि उन्होने परिश्रम से अपनी मंजिल को पाया है।

यह ऐसे लोग होते है, जो बड़े सपने देखते और उन्हें पूरा करने के लिए रत दिन एक कर देते है। ताकि वह अपने सपने को जिन्दा और पूरा करे सके। ऐसे लोग परिश्रम का महत्व जानते है और बिना अपनी किस्मत को दोष दिए अपनी कमजोरी को सही करके पूरी लगन से मेहनत करते है। यह लोग मेहनतवादी होते है न की किस्मतवादी। तो आप जान चुके है कि परिश्रम का महत्व कितना ज्यादा है अपने रोज़ाना के जीवन और सपनों को पूरा करने में।

विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का महत्व पर निबंध

अगर बात करे विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का महत्व की तो यह ऐसे हो सकती है ,जैसे मनुष्य शरीर और पानी का महत्व है। क्योंकि लोग खाने के बिना तो रह सकते लकिन पानी के बिना कुछ पल ही जीवत रहना संभव है। तो ऐसे ही विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का महत्व पर निबंध में हम आपको इसकी स्टूडेंट्स लाइफ को हार्ड वर्क के इम्पोर्टेंस को बताने वाले है।

हमें यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि विद्यार्थी जीवन में परिश्रम का महत्व कितना है, क्योंकि जब भी बच्चा सस्कूल में जाता है। उसे अधियापको से जीवन में मेहनत के बिना कुछ भी संभव नहीं सिखाने लगते है। ऐसे में जो बच्चे मेहनत के अवसर को समझते है वह कठिन परिश्रम की रह पर चलते है और अपने विद्यार्थी जीवन में सफलता हासिल करते है।

यह वही बच्चे होते है जो अपनी क्लास के टोपर होते है और सारी क्लास से अलग होते है। क्योंकि इनका परिश्रम के प्रति सोचने का नज़रिया कुछ अलग होता है। इसके उलट जो बच्चे मेहनत को करने में अपना मन नहीं लगाते। वह ज़िंदगी भर पछताने के बाद और कुछ नहीं करते। क्योंकि जब आप विद्यार्थी जीवन में कुछ नहीं कर सके तो आप अपनी बाद वाली ग्रहस्त भरी ज़िंदगी में क्या करोगे।

इस समय आपके पास काम को करने के उतनी सकती नहीं होगी, जितनी आपके पास विद्यार्थी जीवन के दौरान होती है। विद्यार्थी जीवन में आपके पास बहुत अधिक वक़्त होता है, परिश्रम से किसी भी मंजिल को पाने की चाहत को पूरा करने के लिए। तो दोस्तों अगर आपका विद्यार्थी जीवन से ही कोई लक्ष्य बन जाता है। जैसे आप बड़े होकर कोई डॉक्टर, इंजीनियर, पुलिस, बैंक अधिकारी और भी कोई अपना खुद का बिज़नेस करना चाहता है। तो इसके लिए आपको मेहनत लगातार करनी होगी।

Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi
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परिश्रम का महत्व पर निबंध 150 शब्दों में 

आपको पता होगा कि परिश्रम का कितना महत्व है, विद्यार्थी, आम आदमी और किसी भी बड़े स्टार के लिए। यह सबके के लिए एक साथ ही काम करता है। क्योंकि मेहनत को सफलता ही कुंजी कहा जाता है। यह आपको एक आम आदमी से खास आदमी बनाने में पूरी मदद करने वाला है। आप जो आज इतने बड़े एक्टर, क्रिकेटर और किसी बहुत ही नामी सिंगर को देखते हो तो इन्होने अपने जीवन में परिश्रम के महत्व को समझा और आज दुनिया की हर ख़ुशी उनके पास है।

इसलिए लोग कहते ”सफलता की एक ही खासियत है, यह मेहनत करने वालों पर फ़िदा हो जाती है”। तो ऐसे में आपको मेहनत से कभी भी अपना मन नहीं चुराना चाहिए। जो लोग काम नहीं करते उनके जीवन का विकास रुक जाता है। क्योंकि पानी भी चलता हुआ ही अच्छा लगता है ,अगर यह रुक जाये तो इसमें से बदबू आने लगती है। तो इसलिए बिना किसी फल की इच्छा किया लगातार परिश्रम को करते रहना चाहिए। क्योंकि ज़िंदगी में सफलता परिश्रम और संजम के मेल से ही मिलती है।

दुनिया के दो तरह के लोग होते है एक अपना भविष्य खुद लिखने वाले और दूसरे अपने भविष्य की चिंता की बिना किस्मत को सदा दोष देते है। यह ऐसे लोग होते है जो मेहनत नहीं करते लेकिन पाना सब कुछ चाहते। आपने एक कहावत जरूर सुनी होगी ”कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है”। यह बहुत आलसी किसम के होते है और बिना कुछ हासिल किये दुनिया से चले जाते।

दूसरी तरफ जो लोग परिश्रम की पूजा करते है, उनको अपनी ज़िंदगी में ख़ुशी और हर सफलता के साथ उनके परिवार और देश का नाम रोशन होता है। यह ज़िंदगी में बहुत अधिक ख़ुशी के हक़दार होते है क्योंकि इन्होने अपने जीवन का कुछ हिस्सा परिश्रम को दिया है और इनको इसका फल बेहतरीन सफलता मिली है।

Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi
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Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi 300 Words 

परिश्रम ही एक ऐसा रास्ता है, जिस पर चलके हम अपने जीवन में पूरी ख़ुशी और अपने सभी उद्देश्य को पूरा कर सकते है। परिश्रम के किया बिना यह सभ कुछ एक सपने की तरह लगता है, लेकिन जो लोग परिश्रम को सभी कुछ मानते है। वह अपनी लगन और मेहनत से इसे एक असल ज़िंदगी का हिस्सा बना देते है। इससे उनको तो अपनी मंजिल मिल जाती है और जो लोगों को लगता है कि यह सब कुछ असंभव है। इनके लिए यह किसी भी चमत्कार से कम नहीं होता है। क्योंकि मेहनत से दूर भागने वाले है, परिश्रम से ज्यादा भाग्य पर अधिक धयान देते है।

जो आदमी परिश्रम के बिना अपने भाग्य को सब कुछ मानते है, उनके लिए पैसा किसी भी तरह से प्रापत हो जाये यह सभी चीजों उनके मन में चलती रहती है। वह अपनी किस्मत को आजमाने के लिए लाटरी का सहारा लेते है, ताकि वह अपने जीवन को खुशहाल बना सके। ऐसे आदमी को अगर लाटरी अलग भी जाती है तो वह कुछ समय के बाद ही फिर से गरीब हो जाता है। क्योंकि यह सफलता उसे मेहनत से नहीं बल्कि किस्मत की बदौलतमिली हुई थी। और इस वयक्ति ने बिना सोचे समझे पैसे का उपयोग किया और अपना सारा धन गवा दिया। इसलिए तो कहते है कि परिश्रम से मिली हुई सफलता लंबी चलती है। क्योंकि इसमें लोगों को पैसे की वैल्यू का सही मतलब पता चलता है।

अगर आपको भी दुनिया से अपने नाम को एक गौरव की नज़र से देखना चाहते हो तो आपको खूब मेहनत करनी होगी। क्योंकि इस संसार में सब कुछ सीमा के अनुसार मिलता है, लेकिन आपको परिश्रम और हासिल करने पर कोई भी सीमा नहीं है। आप इसे अपनी मेहनत से जितना चाहो उतना पा सकते हो। जब भी परिश्रम को अपना साथी बनाते है तो उनके जीवन बदलाव आते है, लेकिन यह थोड़ा समय बीत जाने के बाद आते है। जो वयक्ति अपने जीवन में आए इन बदलावो को नहीं देख सकता वह परिश्रम से दूर भागता है और जो आदमी अपने जीवन में आये बदलावों को महसूस करता है वह परिश्रम के सिवा और किसी चीज़ पर विश्वास ही नहीं करता।

FAQ About परिश्रम का महत्व पर निबंध

आपको बतादे कि परिश्रम दो तरह का होता है। {1}. शारीरक परिश्रम और दूसरा होता है मानसिक परिश्रम। जो परिश्रम हम कोई भी बल पूर्वक काम करने के लिए इस्तेमाल करते है। जैसे को भी लेबर का काम आदि। इसे हम शारीरक श्रम कहते है और जो हम केवल अपने दिमाग के बल पर करते है। उसे हम मानसिक परिश्रम के नाम से जानते है। यह कोई भी ऑफिस का काम और अलग तरह के काम हो सकते है।
अगर बात करें इनके पर्यायवाची शब्द की तो यह कुछ इस तरह से है - श्रम, मेहनत, और उधमी आदि।
परिश्रम या मेहनत का विलोम शब्द होता है - कामचोर, आलसी और विश्राम।
परिश्रम को सफलता की कुंजी माना गया है इसके बिना जीवन अधूरा रह जाता है।

 

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अंतिम शब्द:

तो दोस्तों हम अपनी पोस्ट को समाप्त करते हैं, आज हमने आपको इस पोस्ट में Parishram Ka Mahatva Essay In Hindi के बारे में जानकारी दी है। हमने इस पोस्ट में आपको Parishram Ka Mahatva Essay से जुड़ी सारी जानकारी देने की कोशिश की है ताकि आपको किसी भी जानकारी के लिए किसी अन्य वेबसाइट का सहारा न लेना पड़े।

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