हेलो दोस्तों, आपका studydev स्वागत है। आज हम आपको इस आर्टिकल में Pollution Essay In Hindi में बताने वाले है। आपको पता होगा कि इस बढ़ती हुई आबादी में एक बड़ा कारन प्रदूषण बन चूका है। लोग इस मुसीबत से बहुत ही दुःखी है। लेकिन आपको आज इस निबंध में Pollution Essay In Hindi में हम आपको Pollution क्या होता है, Pollution के कारन, Pollution को कैसे रोका जा सकता है, Pollution कितनी प्रकार के होते है। सभी सवालों के जवाब हम आपको इस आर्टिकल में बताने वाले है।
Table of Contents
Pollution क्या है? What Is Pollution?
आपको बतादे कि पोल्लुशण एक तरह का अनचाहा बदलाव होता है, जो के हमारे पर्यावरण में देखने को मिलता है। यह हमारे जीवन और वातावरण को ख़राब कर देता है। यह कई तरह का होता है। प्रदूषण दो तरह से फैलता है। एक कारण इसका मनुष्य हो सकता है और दूसरा कुदरती हो सकता है।
मनुष्य द्वारा प्रदूषण फ़ैलाने के कारण- शहरीकरण, आवाजाई और उद्योगीकरण के कण हो सकता है।
कुदरत द्वारा प्रदूषण फ़ैलाने के कारण – जंगलों में आग लगना, जवालामुखी का फटना और भी जैसे भूमि का कटाव आदि।

Pollution के कारण
आपको पता होगा कि प्रदूषण कई तरह से फैलता है। लेकिन ज्यादातर यह दो तरह कर होता है। एक मनुष्य के द्वारा और दूसरा कुदरत के द्वारा होने वाला अनचाहा बदलाव जो पर्यायवरण को बिगाड़ कर रख देता है। यह हमें बहुत ही प्रभावित करता है। लेकिन हम कुछ प्रदूषण को रोक सकते है। जैसे कि मनुष्य द्वारा फैलाये जाने वाले प्रदूषण को हम रोक सकते है क्योंकि यह हमारे हाथ में ही होता है। इसके विपरीत हम कुदरत के अनचाहे परिवर्तन को नहीं रोक सकते क्योंकि यह हमारे हाथ में नहीं है।
मनुष्य द्वारा प्रदूषण फ़ैलाने के कारण :
- शहरीकरण – इस बदलाव के बारे में आप अच्छी तरह से जागरूक होंगे। यह कारण बढ़ती हुई जन्शंख्या के कारण उपजा है। हमारे देश में बढ़ती हुई आबादी प्रदूषण का एक कारण है। क्योंकि आबादी को रहने के लिए घर चाहिए और चलने के लिए वाहन की जरूरत होती है। जिसके कारण शहरीकरण का विकास हुआ है। यह मनुष्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसने वातावरण में कई विकार पैदा कर दिए है।

- उद्योगीकरण – इसे हम प्रदूषण का मुख्य द्वार सकते है। क्योंकि हमारे देश में बहुत सारे उद्योग लगे हुए है, जिसमें से कई तो ऐसे होते है जिन पर तो खुद सरकार भी रोक लगाती है। क्योंकि यह हमारे रहन सहन को ख़राब कर रहे है। उद्योगों से निकलने वाली गंदगी को कई जगहों पर फेंका जाता है। जिसके कारण प्रदूषण होता है। यह गंदगी पानी में फेंक दी जाती है जिसके कारण जल प्रदूषण होता है।

- आवाजाई – यह कारण ऊपर बताये गए दोनों कारणों का मिश्रण है। क्योंकि इन दोनों की बदौलत यह भी उपजा है। जब से शहरीकरण का विकास हुआ है। तबसे लोगों ने अपने जीवन को बदल लिया है। लोगों ने चलने के लिए मोटरसाइकिल, गाड़ियों को खरीद लिया है। जिसके चलते प्रदूषण हो रहा है। साधनों से निकलने वाला धुआँ बहुत ज्यादा प्रदूषण करता है और इसकी आवाज शोर प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनी हुई है।

- खेतीबाड़ी – यह कारण जयादातर गांवों में पाया जाता है। क्योंकि गांवों में लोग ज्यादा खेती करते है। ऐसा नहीं है कि शहरों में खेती नहीं होती। खेती से प्रदूषण के कई कारण हो सकते है, जैसे कि फसल की रह गयी फुआर को आग लगा देना, जिसके कारण हवा में धुआँ के कारण प्रदूषण होना और दूसरा उपज के ऊपर कीटनाशकों का छिटकाव करना। जिससे जल और भूमि प्रदूषित होती है।
कुदरत द्वारा प्रदूषण फ़ैलाने के कारण :
- जंगलों में आग लगना – यह कारण कुदरती है क्योंकि जंगलों में आग लगना एक तरह से अलग प्रकिर्या है। यह जयादातर बांस के जंगलों में ज्यादा पायी जाती है। क्योंकि जब जानलों में हवा चलती है और बांस के वृक्ष बड़े होने के कारण एक दूसरे से टकराते है। जिसके चलते जंगलों में आग लग जाती है। यह आग दोनों तरह से नुकसान करती है एक तो इससे दूसरे वृक्ष जल जाते है और दूसरा जंगल में रहने वाले जीव- जंतु इस आग से मर जाते है।

- जवालामुखी के फटन के कारण – जब भी कोई भी जवालामुखी फटता है तो इससे बहुत ही प्रदूषण होता है। जैसे कि इससे निकलने वाली आग और राख जब ऊपर की और जाती है तो यह हवा और पानी को गंदा कर देती है। यह कारण पूरी तरह से कुदरती है, क्योंकि जवालमुखी को फटने से रोकना हमारे हाथ में नहीं है।

- भूमि का कटाव – भूमि का कटाव एक बड़ा कारण है, प्रदूषण फैलने का। जब भी भूमि का कटाव होता है। तो इससे जमीन की बनावट ख़राब हो जाती है। इसमें जगह-जगह पानी भर जाता है।
यह सभी कारणों के इलावा भी बहुत से और भी कारक है जो वातावरण को प्रदूषित करते है।
Pollution को कैसे रोका जा सकता है ?
प्रदूषण को रोकने के बहुत सारे तरीके है, लेकिन हम आपको इस आर्टिकल में 10 तरीकों के बारे में बताने वाले है जो कि प्रदूषण को कंट्रोल करने में हमारा योगदान करते है।
- पैदल चलना ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण से बचा जा सके।
- ऐसे उपकरणों का इस्तेमाल करना जिसका द्वारा उपयोग किया जा सके।
- हमें कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए, या फिर इसकी जगह कागज़ से बने हुए उपकरणों का उपयोग करना चाहिए।
- खेत में रह गयी पराली को जलाने की जगह उसे जमीन में ही नष्ट कर देना चाहिए।
- जब हम ट्रैफिक लाइट पर रुकते है तो हमें अपने वाहन को बंद कर देना चाहिए।
- कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से परहेज करना जरूरी है, इससे हमारा वातावरण और जीवन दोनों ही मुश्किल में पड़ सकते है।
- घरों में खाना बनाने के इस्तेमाल किये जाने वाले चूले का कम उपयोग करना चाहिए। इससे निकलने वाले धुआँ प्रदूषण क एक कारण है।
- हमें अपने आस पास की जगह को साफ करना चाहिए।
- वातावरण प्रदूषण को कम करने के लिए हमें जयादा से जयादा वृक्ष लगाने चाहिए।
- हमें दिवाली या विवाह के मौके पर कम से कम पटाखों को चलाना चाहिए। ताकि धुनि और वायु प्रदूषण से बचा जा सके।
7 प्रकार के प्रदूषण क्या हैं? What are the 7 types of pollution?
हम आपको Pollution Essay In Hindi में प्रदूषण के सभी तरह के प्रकार के बारे में जानकारी देने वाले है। जिसमे हम आपको जल प्रदूषण, वायु, धुनि और भूमि प्रदूषण के इलावा तीन नए तरह के अनचाहे बदलाव के बताने वाले है। जो कि हमारे वातावरण को ख़राब कर रहे है।
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- भूमि प्रदूषण
- धुनि या शोर प्रदूषण
- रेडिएशन प्रदूषण
- खुराक में होने वाला प्रदूषण
- थर्मल प्रदूषण

- जल प्रदूषण – जल प्रदूषण मुख्य तौर पर उद्योगों से निकलती गंदगी और सीवरेज के पानी का ताजे पानी में मिलने के कारण इसका निर्माण होता है। यह कई तरह की बिमारियों का कारण बनता है।
- वायु प्रदूषण – वायु प्रदूषण घरों में इस्तेमाल होने वाले बालन, कारखानों से निकलने वाला धुआँ और वाहनों से निकलने वाला धुआँ हवा प्रदूषण का एक बड़ा कारण बनता है। इससे हमें सांस संबंधी रोग लग जाते है।
- भूमि प्रदूषण – भूमि प्रदूषण का मुख्य स्रोत घरों से निकलने वाली सामग्री जिसे हम ख़तम नहीं कर सकते। उसे हम धरती पर फेंक देते है। जिसके कारण भूमि का प्रदूषण होता है।
- धुनि प्रदूषण – शोर प्रदूषण मुख्य तौर पर दो तरह का होता है, एक तो मनुष्य द्वारा और दूसरा कुदरती साधनों द्वारा पैदा किया जाने वाला धुनि प्रदूषण। यह प्रदूषण वाहनों से निकलने वाली
- आवाज, कारखानों में चलने वाली मशीनो की आवाज़, और कुदरती स्रोत जैसे आसमानी बिजली का शोर आदि।
- रेडिएशन प्रदूषण – इस प्रदूषण को हम एक नए प्रकार का बदलाव भी कह सकते है। इसका मुख्य कारण परमाणु हथियार, नुकूलियर पावर पलांट से पैदा। यह परिवर्तन मनुष्य सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
- खुराक में होने वाला प्रदूषण – यह प्रदूषण भारत में हरी क्रांति आने के बाद ही प्रचलित हुआ है। क्योंकि इसके बाद लोगों ने अपनी फसल का जयादा उत्पादन लेने के लिए कीटनाशकों का उपयोग करना आरंभ कर दिया है। जिसके कारण हमें शुद्ध खाने की जगह जहर से भरा हुआ खाना खाने को मिल रहा है।
- थर्मल प्रदूषण – यह भी प्रदूषण की एक किस्म है। जो हमें किसी न किसी तरीके से प्रभावित कर रही है। इन पलांटो से उड़ने वाली सुवाह और कई जहरीली गैसें वायुमंडल में शामिल होकर, मनुष्य के शरीर को नुकसान पहुंचा रही है।
मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव क्या हैं?
दोस्तों आपको बतादें कि प्रदूषण के बहुत सारे टाइप है। जो अलग-अलग तरह से मनुष्य स्वास्थ्य को प्रभावित करते है। जैसे कि वायु प्रदूषण से सांस के रोग होते है। आज हम आपको Pollution Essay In Hindi निबंध में कुछ ऐसे कारणों के बारे में बताने वाले है जो मानव शरीर को बहुत ही प्रभावित करते है।
मानव स्वास्थ्य पर प्रदूषण के प्रभाव :
- सांस के रोग – प्रदूषण से हमें सांस के रोग होते है जिसमे दमे का रोग, फेफड़ों की बीमारी और बहुत जयादा पसीना आना। यह सभी तरह के रोग प्रदूषण से होते है।
- मानसिक रोग – जैसे चक्कर आना, बेहोसी और उल्टी आना आदि रोग मानव शरीर को प्रभावित करते है।
- दूसरे तरह के रोग – जैसे ब्लड कैंसर, आँखों की जलन, पेट गैस और त्वचा होते है।
दोस्तों, हम अपने इस निबंध को यही पर ख़तम करते है। आज हमने आपको Pollution Essay In Hindi में पोल्लुशण से संभंधित सारी जानकारी को आपके साथ शेयर किया है। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आये तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर अवश्य करे।
[…] हो, तो आप हमारे पुराने निबंध जैसे कि प्रदूषण क्या है, जल प्रदूषण क्या है। तो आइये जानते है […]
[…] यह भी पढ़े : प्रदूषण क्या है ? […]