बरसात का प्रकृति पर पूरा असर दिखाई देता है। क्योंकि आस पास पानी ही पानी देखने को मिलता है। सारे सूखे हुए पेड़ पौदे फिर से हरे भरे हो जाते है। जो भी तालाब, नदियाँ और खूह खाली होते है। वह द्वारा से भरने लगते है। आस पास के मैदान में घास फिर से हरा जो जाता है।
यह भारत में जुलाई से आरंभ हो जाती है। यह देसी महीने के अनुसार सावन और भादो का महीना होता है।यह लगभग तीन महीने तक चलती है।वर्षा ऋतू का आगमन जुलाई महीने में होता है और इसका अंत सितंबर (अस्सू) महीने में होता है।
– इससे हमें पानी की पूर्ती हो जाती है, जो भी गड्डे, नदियाँ नाले और तालाब भर जाते है। – इससे पेड़ पौदों और घास को बढ़ने में मदद मिलती है। – यह जानवरों के लिए बहुत ही लाभ पूर्ण होता है, – हम अपने घर पर रखे हुए गाय और भैंस से दो वक़त दूध ले सकते है। – यह गर्मी को कम कर देता है और हमें ठंडक का एहसास करवाता है।